ठोकरें ख़ाता हूँ पर "शान" से चलता हूँ।मैं खुले आसमान के नीचे,सीना तान के चलता हूँ...
मुश्किलें तो "साज़" हैं ज़िंदगी का।"आने दो-आने दो" ...
उठूंगा, गिरूंगा फिर उठूंगा और आखिर में "जीतूंगा मैं ही"ये ठान के चलता हूँ...
Purushottam Rupala
BJP Gujarat
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Quote By Mahatma Gandhi Ji:-
प्रेम की शक्ति दण्ड की शक्ति से हजार गुनी प्रभावशाली और स्थायी होती है।
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